नगर परिषद से लेकर लोकसभा स्पीकर तक, नहीं रहे राजनीति की हर किरदार में चमकने वाले नेता पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 90 साल की उम्र में लातूर स्थित घर पर निधन हो गया. मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उनके योगदान को याद करते हुए गहरा शोक व्यक्त किया. शिवराज पाटिल ने लोकसभा स्पीकर, गृह मंत्री, राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्रालयों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं.
Shivraj Patil Death: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह (12 दिसंबर 2025) महाराष्ट्र के लातूर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. परिवार के अनुसार, वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उनकी उम्र 90 वर्ष थी. अंतिम संस्कार शनिवार (13 दिसंबर) को किया जाएगा.
'मर्यादित व्यक्तित्व वाले सच्चे statesman थे पाटिल'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके निधन को पार्टी और राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति बताया. खड़गे ने कहा, 'पूर्व गृह मंत्री, पूर्व लोकसभा स्पीकर और हमारे वरिष्ठ साथी शिवराज पाटिल के निधन से मैं बेहद दुखी हूं. उनका व्यक्तित्व मर्यादा, शालीनता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण का प्रतीक था. उन्होंने कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और संसदीय जिम्मेदारियों को गरिमा के साथ निभाया.'
खड़गे ने आगे लिखा, 'उनका जाना कांग्रेस परिवार के साथ-साथ उन सभी लोगों के लिए गहरी क्षति है, जो उनकी ईमानदारी और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण की प्रशंसा करते थे.'
'उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पाटिल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने X पर पोस्ट किया, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. यह पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. राष्ट्र और जनता के प्रति उनका समर्पण सदैव याद किया जाएगा. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं.'
'कांग्रेस परिवार के लिए भारी क्षति'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'शिवराज पाटिल जी का निधन गहरा दुख देने वाला है. उन्होंने रक्षा मंत्रालय सहित कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं और दशकों तक जनता की सेवा की. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.'
उन्होंने परिवार और समर्थकों के प्रति सहानुभूति जताई.
'विनम्र, कुशल और सभी दलों में सम्मानित नेता'
कांग्रेस महासचिव (संगठन) KC वेणुगोपाल ने पाटिल को एक सफल प्रशासक और सभी दलों में सम्मानित नेता बताया. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने एक बड़े स्तंभ को खो दिया है. उनकी विनम्रता, दक्षता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा.'
लंबा राजनीतिक करियर
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को हुआ था. उनका राजनीतिक सफर लातूर नगरपालिका के अध्यक्ष (1966–1970) के रूप में शुरू हुआ. इसके बाद वे दो बार विधायक चुने गए और 1977 से 1979 तक महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और स्पीकर रहे.
इसके बाद उन्होंने लातूर लोकसभा सीट से सात बार सांसद के रूप में जीत हासिल की. 1991 से 1996 तक वे लोकसभा के 10वें स्पीकर रहे.
2004 में उन्हें इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रूपाताई पाटिल निलंगेकर से हार का सामना करना पड़ा. बाद में वे राज्यसभा के भी सदस्य रहे.
गृह मंत्री, रक्षा, वाणिज्य और विज्ञान—केंद्र सरकार में संभालीं कई अहम जिम्मेदारियां
शिवराज पाटिल ने केंद्र में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली.
उनमें प्रमुख हैं:
- रक्षा मंत्री
- वाणिज्य मंत्री
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री
- केंद्रीय गृह मंत्री (2004–2008)
गृह मंत्री पद से उन्होंने 26/11 मुंबई हमले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
राज्यपाल के रूप में भी दी सेवाएं
2010 से 2015 तक उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में भी सेवा की.
परिवार में बेटा, बहू और दो पोतियां
शिवराज पाटिल अपने पीछे बेटा शैलेश पाटिल, बहू अर्चना और दो पोतियों को छोड़ गए हैं. उनके निधन से लातूर से लेकर दिल्ली तक शोक की लहर है.
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