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Supreme Court: 'पढ़ नहीं सकता तो वह किस तरह का वकील होगा...' सुनवाई के दौरान क्यों भड़क गए CJI चंद्रचूड़?

All India Bar Examination: अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) में एससी/एसटी के लिए Cut-Off कम करने के लिए याचिका दायर की गई थी.जिसे ये कहते हुए CJI चंद्रचूड़ ने खारिज कर दिया कि, इससे वकीलों के गुणवत्ता पर असर पड़ेगा.

All India Bar Examination: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ नाराज होते देखें गए. दरअसल, कोर्ट में अखिल भारतीय बार परीक्षा (All India Bar Examination) (AIBE) के लिए योग्यता अंक (Cut-Off) को कम करने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट से खारिज कर दिया है. याचिका में AIBE के लिए तय कट-ऑफ मार्क्स को कम करके सामान्य वर्ग एवं ओबीसी के लिए 40 प्रतिशत और एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 35 प्रतिशत की मांग की गई थी.

'कट-ऑफ मार्क्स कम किया तो गुणवत्ता होगी प्रभावित'

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर AIBE के लिए तय कट-ऑफ मार्क्स को कम किया गया तो इससे बार में भर्ती होने वाले वकीलों की गुणवत्ता प्रभावित होगी. वहीं, सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं को और पढ़ने की बात कही. 

एससी/एसटी के कट ऑफ कम करने की थी मांग

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि, सामान्य श्रेणी के लिए 45 और एससी/एसटी के लिए 40 का कट ऑफ रखा गया है. अगर कोई इतना स्कोर नहीं कर सकता तो वह किस तरह का वकील होगा? उन्होंने कहा, 'पढ़ो भाई!' इस तरह कोर्ट ने साफ कर दिया कि आरक्षण देने से वकीलों की गुणवत्ता पर सवाल उठ सकता है, क्योंकि इसमें गहन अध्ययन जरूरी है. ये एक रिसर्च का विषय है, जिसे खूब मेहनत और ईमानदारी से पढ़ना जरूरी है, ताकि लोगों को न्याय मिल सके. 

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